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औलाद अगर नालायक निकल जाए तो उसे भूल जाना चाहिए। अगर याद रखना है तो उसका बचपन याद रखो। बूढ़ा आदमी अपनी जिंदगी से भी डरता है और मौत से भी। ये संवाद किसी रंगमंच का नहीं बल्कि उमेश शुक्ला निर्देशित फिल्म '102 नॉट आउट' का है। जिंदगी से परेशान बुजुर्ग और मस्तमौला पिता के बीच की कहानी रविवार को पी एंड एम मॉल के सिने पोलिस में दिखाई गई। रेडियो सिटी 91.1 एफएम पटना एवं ब्लू कारपेट की ओर से दर्शकों को फिल्म निश्शुल्क दिखाई गई। दर्शकों ने रेडियो सिटी का धन्यवाद करते हुए पारिवारिक फिल्म दिखाने की सराहना की।
निराशा और अवसाद से पुत्र को बाहर निकालने की कशमकश - फिल्म की कहानी साधारण होने के साथ समाज की आंखें खोलने वाली है। फिल्म में 102 वर्ष का दत्तात्रय वखारिया की भूमिका में अभिनेता अमिताभ बच्चन हैं। जबकि उसका 75 वर्षीय बेटा बाबूलाल की भूमिका में अभिनेता ऋषि कपूर हैं। फिल्म में जहां एक ओर दत्तात्रय 100 साल से अधिक आयु के होने के बावजूद जिदंगी को खुशियों से भरा देखता है तो बाबू लाल अपनी जिदंगी को बोझ समझकर उसे ढो रहा है। पिता जहां कूल है तो बेटा ओल्ड स्कूल की तरह है। दत्तात्रय अपने 75 वर्षीय बेटे बाबूलाल को निराशा और हताशा भरी जिंदगी से बाहर निकालने के लिए काफी मशक्कत करता है। बेटे को जिंदगी का सही मायने समझाने के लिए योजना बनाकर उसे बाहर निकलाने का प्रयास करता है। 102 वर्ष की उम्र मे जिंदादिल रहने वाला दत्तात्रय अपने वृद्ध पुत्र में जान डाल कई यादें और बातें छोड़ दुनिया से विदा होता है। बाबू लाल अपने पिता दत्तात्रय के बातों के सहारे जिदंगी को नये रूप में स्वीकार करता है। ऋषि कपूर ने एक निराश बूढ़े से हंसमुख युवा में आने वाले परिवर्तन को अपने अभिनय से बखूबी दर्शाया है। फिल्म के दौरान गीत 'उसी पुरानी राह पर फिर से निकल पड़ा हूं' को दर्शकों ने काफी पसंद किया। फिल्म प्रस्तुति के दौरान रेडियो सिटी के कर्मचारी मौजूद रहे।
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रेडियो सिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम काफी सराहनीय रहा। '102 नॉट आउट' फिल्म के माध्यम से समाज में बुजुर्गो के प्रति परिवार की मानसिकता बदलेगी। अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर का अभिनय बेहतर रहा।
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