नई दिल्‍ली (प्रेट्र)। कावेरी जल विवाद पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आड़े हाथों लिया और कहा कि जल बंटवारे पर कोर्ट के निर्देश का पालन केंद्र नहीं कर रहा है। अगली सुनवाई के लिए 14 मई निश्‍चित करने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सीधे तौर पर कोर्ट के फैसले की अवमानना है।
तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुडुचेरी के संघ शासित प्रदेशों के बीच पानी के वितरण के लिए योजना तैयार करने में विफल होने के कारण केंद्र पर कोर्ट ने यह आरोप लगाया है। कोर्ट की ओर से केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सचिव को कावेरी मैनेजमेंट स्‍कीम को लागू करने वाले मसौदे को लेकर 14 मई को पेश होने व तमिलनाडु और कर्नाटक समेत चार राज्यों में पानी का बंटवारा कैसे करेगी।
कावेरी जल विवाद पर फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को चार राज्यों तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल और पुड्डुचेरी में जल बंटवारे के लिए योजना प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु को मिलने वाली पानी को कम कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी फीट (हजार मिलियन क्यूबिक फीट) पानी जबकि कर्नाटक को 14.75 टीएमसी फीट पानी अतिरिक्त देने का आदेश दिया था। साथ ही फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को एक योजना तैयार करने का आदेश दिया था।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि एक बार जब इस मुद्दे पर फैसला दे दिया गया था तो इसे लागू किया जाना चाहिए था। जस्टिस ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड़ वाली बेंच ने कहा, 'हम दोबारा फिर इसी मुद्दे पर नहीं आना चाहते।‘ वहीं केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, 'केंद्रीय मंत्रियों के कर्नाटक चुनाव में व्यस्त रहने की वजह से कैबिनेट की बैठक नहीं हो पायी है इसलिए इसपर अंतिम मुहर नहीं लगी है।‘
By Monika Minal