पटना [ अरविंद शर्मा]। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप की शादी समारोह को अभी सियासत के कई मोड़ से गुजरना पड़ सकता है।  समारोह में विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के मंत्रियों एवं दिग्गजों को आमंत्रित किया गया है। जाहिर है, अतिथियों के आने और न आने के भी सियासी अर्थ निकाले जाएंगे। गलत-सही की व्याख्या होगी और पब्लिक तक प्रचार की व्यवस्था भी। 
दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान लालू से मिलकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही राजनीति को काफी गर्म कर चुके हैं। रालोसपा अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा एवं शत्रुघ्न सिन्हा की मुलाकात पर भी हाय तौबा मच चुका है। 
राजद का मानना है कि अब पेरोल पर भी राजनीति शुरू हो चुकी है। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी हैरत में हैं और विधायक भाई वीरेंद्र आक्रोश में। शिवानंद समझ नहीं पा रहे हैं कि पटना पुलिस से लेकर बेऊर जेल तक सारी औपचारिकता पूरी करने के बावजूद लालू को पेरोल क्यों नहीं मिला। 
अखिलेश, प्रियंका का आना तय कांग्रेस एवं सोनिया गांधी परिवार की तरफ से प्रियंका गांधी का आना तय हो गया है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सहमति दे दी है। दोनों के आने की सूचना लालू परिवार को मिल चुकी है। 
प्रियंका को मीसा भारती ने आमंत्रित किया था। उनका रिंग सेरेमनी के दौरान ही आना तय था, लेकिन किसी कारणवश संभव नहीं हो सका। सोनिया गांधी को लालू की बेटियों रागिनी एवं चंदा यादव ने दिल्ली में खुद ही जाकर शादी का कार्ड दिया था और कार्यक्रम में आने की गुजारिश भी की थी। कर्नाटक चुनाव में व्यस्त होने के कारण राहुल का आना टल सकता है। अखिलेश आएंगे और बारात भी जाएंगे। 
नरेंद्र मोदी पर निगाहेंशादी की तैयारी और लालू के इंतजार के बीच निगाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी टिकी हैं, जो लालू-राबड़ी की छोटी बेटी राजलक्ष्मी की शादी में मुलायम सिंह यादव के बुलावे पर उनके गांव सैफई जाकर वर-वधु को आशीर्वाद दे आए थे। माना जा रहा है कि लालू से राजनीतिक अदावत के बावजूद प्रधानमंत्री पटना आ सकते हैं। हालांकि, अभी तक उनके आने की आधिकारिक सूचना राज्य सरकार को नहीं मिली है। किंतु 11 मई को पीएम की नेपाल की यात्रा पटना होकर ही प्रस्तावित है। ऐसे में चर्चा है कि पीएम तेज प्रताप को आशीर्वाद देना नहीं भूलें। 
घर-दफ्तर में इंतजारराबड़ी देवी के सरकारी आवास में लालू का बेसब्री से इंतजार था। करीब साढ़े चार महीने बाद लालू पेरोल पर घर आने वाले थे। शादी की तैयारियों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, मीसा भारती, रागिनी, चंदा एवं राजलक्ष्मी सब बेसब्र थे अपने पिता से बात-मुलाकात के लिए। 
उधर, राजद कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामचंद्र पूर्वे, प्रधान महासचिव आलोक मेहता, भाई अरुण, सत्येंद्र पासवान, अर्जुन यादव, अरुण यादव एवं छात्र नेता आकाश यादव समेत नेता-कार्यकर्ता सात बजने की प्रतीक्षा में थे ताकि हवाई अड्डा जाकर लालू प्रसाद की अगवानी कर सकें। 
विपक्ष ने शादी में सियासत से किया इन्‍कार हालांकि, राजद के विधायक शक्ति सिंह यादव ने भी कहा है कि शादी के दिन सभी पार्टियों के नेता एक मंच पर होंगे, सबकी आपस में बातचीत भी होगी, लेकिन यह शादी का मंच होगा। इसीलिए समारोह को सियासत से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। 
बिहार कांग्रेस के प्रभारी अध्यक्ष कौकब कादरी का कहना है कि शादी जैसे आयोजन में तमाम लोग एक साथ इकट्ठा होते हैं। पार्टी पॉलिटिक्स को छोड़कर, भेदभाव भुलाकर सबलोग आयोजन में शरीक होते हैं। शादी में खुशी का माहौल होता है। जिन नेताओं को समय है, वे शादी में जुटेंगे ही। 
राजग नेताओं ने कही ये बात 
बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि राजग के लिए शादी में विपक्षी जुटान कोई चुनौती नहीं है। राजग ने विकास को अपना मुद्दा बनाया है। जदयू नेता श्याम रजक कहते हैं कि इस शादी में सत्तापक्ष भी रहेगा और विपक्ष भी। सब लोग रहेंगे और सब तरह के लोग रहेंगे। सुशील मोदी जी के बेटे की शादी में भी सब लोग गये थे। लालू की बेटियों की शादी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गये थे। यह कोई नई बात नहीं है।
By Kajal Kumari