नई दिल्‍ली (जेएनएन)। लंदन में भारतीय बैंकों की ओर से 1.55 अरब डॉलर से अधिक की वसूली के लिए दर्ज मामले में विजय माल्‍या को करारा झटका लगा है। कोर्ट ने माल्या की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने दुनिया भर में फैली अपनी संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई थी। कोर्ट के आदेशानुसार, अब बैंकों को अनुमति दी गयी है कि वे ब्रिटेन में माल्‍या की संपत्‍ति बेचकर अपनी राशि की वसूली कर सकते हैं। ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भी मुकदमा चल रहा है। माल्या पर आरोप है कि उसने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए लगभग 9,400 करोड़ रुपये के कर्ज को जानबूझकर नहीं चुकाया।
जज एंड्र्यू हेनशॉ ने कहा कि आईडीबीआई बैंक सहित सभी लेंडर्स भारतीय कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को लागू कर सकते हैं, जो माल्या पर उनकी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस के 1.4 अरब डॉलर कर्ज का जानबूझकर डिफॉल्ट करने के आरोपों से संबंधित था। जज  हेनशॉ ने माल्या की संपत्‍तियों को जब्त करने संबंधी वैश्विक आदेश को पलटने से इंकार कर दिया। लंदन की कोर्ट ने भारतीय अदालत के उस आदेश को सही बताया है कि भारत के 13 बैंक माल्या से 1.55 अरब डॉलर की राशि वसूलने के पात्र हैं।
सुनवाई के बाद माल्‍या के वकीलों ने बयान देने से इंकार कर दिया। जज हेनशॉ ने माल्या को अपने फैसले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी देने से भी इंकार कर दिया। इसका मतलब है कि माल्या के वकीलों को अब सीधे कोर्ट ऑफ अपील में ही याचिका दाखिल करनी होगी। कर्जदाताओं की ओर से पेश लॉ फर्म टीएलटी के अनुसार, कोर्ट के फैसले ने उनके मुवक्किलों को भारतीय ऋण वसूली ट्रिब्यूनल के निर्णय को तुरंत लागू करने की मंजूरी दे दी है। ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भी मुकदमा चल रहा है।
बता दें कि ब्रिटेन और भारत में विजय माल्‍या पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। इसमें से एक मामले में विजय माल्या की याचिका को लंदन की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया। भारत के 13 बैंकों के समूह ने माल्या से 1.55 अरब डॉलर से अधिक की वसूली के लिए यहां एक मामला दर्ज कराया था। इन बैंकों की ओर से दर्ज मामले में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वसूली की मांग की गयी है।
By Monika Minal