सरगुन मेहता टीवी धारावाहिकों के अलावा पंजाबी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं.
Updated: May 9, 2018, 12:05 PM IST
फुलवा और 12/24 करोल जैसे टीवी धारावाहिकों में नजर आईं एक्ट्रेस सरगुन मेहता का कहना है कि बॉलीवुड फिल्मों में अच्छी भूमिकाएं कभी किसी आउटसाइडर को नहीं मिलतीं और अच्छे रोल हमेशा उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्हें निर्देशक पहले से जानते हैं या फिर वो किसी के रिश्तेदार होते हैं.
सरगुन ने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बॉलीवुड में अच्छे रोल कभी भी हम लोगों को नहीं मिलते. हम उन भूमिकाओं के लिए कभी आॅडिशन भी नहीं देते क्योंकि, उनके लिए आॅडिशन पहले ही हो चुके होते हैं. सरगुन ने इसे लेकर सवाल किया, 'पिछले कुछ सालों कितनी भूमिकाएं बाहरी लोगों को मिली हैं?' फिल्म प्यार का पंचनामा की एक्ट्रेस नुसरत भरूचा और कार्तिक आर्यन का जिक्र करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि इन दोनों स्टार्स को किसी ने भी लॉन्च नहीं किया और न ही इन दोनों को बड़े बजट की फिल्मों में काम मिला. इन दोनों ने छोटी फिल्मों में इसलिए काम किया क्योंकि, उनके लिए ये फिल्में एक मौके के जैसी थीं.
सरगुन ने इस मुद्दे पर अपने परिवार का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता का बिजनेस है. आज मेरा भाई उस बिजनेस को देखता है. ऐसे कई लोग थे जो करीब 30 साल से मेरे पिता के साथ काम कर रहे हैं लेकिन मेरे पिता ने उन्हें नहीं चुना, बल्कि अपने बेटे को चुना. ये सही नहीं है. लेकिन ये होता है. मुझे लगता है कि नेपोटिज्म को कभी-कभी बहुत ज्यादा हाइप किया जाता है लेकिन कई बार ये सच होता है.'
बता दें कि सरगुन ने धारावाहिकों के अलावा पंजाबी फिल्मों में भी काम किया हैं. उन्होंने टीवी एक्टर रवि दुबे से शादी की है. वहीं भाई-भतीजावाद की बात करें तो इससे पहले भी बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर खूब बहस हुई है. कंगना रनौत ने करण जौहर से साफ-साफ कह दिया था कि वो नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों में से हैं. कंगना ने करण जौहर के चैट शो के दौरान ये बात कही थी.
सरगुन ने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में कहा कि बॉलीवुड में अच्छे रोल कभी भी हम लोगों को नहीं मिलते. हम उन भूमिकाओं के लिए कभी आॅडिशन भी नहीं देते क्योंकि, उनके लिए आॅडिशन पहले ही हो चुके होते हैं. सरगुन ने इसे लेकर सवाल किया, 'पिछले कुछ सालों कितनी भूमिकाएं बाहरी लोगों को मिली हैं?' फिल्म प्यार का पंचनामा की एक्ट्रेस नुसरत भरूचा और कार्तिक आर्यन का जिक्र करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि इन दोनों स्टार्स को किसी ने भी लॉन्च नहीं किया और न ही इन दोनों को बड़े बजट की फिल्मों में काम मिला. इन दोनों ने छोटी फिल्मों में इसलिए काम किया क्योंकि, उनके लिए ये फिल्में एक मौके के जैसी थीं.
सरगुन ने इस मुद्दे पर अपने परिवार का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा, 'मेरे पिता का बिजनेस है. आज मेरा भाई उस बिजनेस को देखता है. ऐसे कई लोग थे जो करीब 30 साल से मेरे पिता के साथ काम कर रहे हैं लेकिन मेरे पिता ने उन्हें नहीं चुना, बल्कि अपने बेटे को चुना. ये सही नहीं है. लेकिन ये होता है. मुझे लगता है कि नेपोटिज्म को कभी-कभी बहुत ज्यादा हाइप किया जाता है लेकिन कई बार ये सच होता है.'
बता दें कि सरगुन ने धारावाहिकों के अलावा पंजाबी फिल्मों में भी काम किया हैं. उन्होंने टीवी एक्टर रवि दुबे से शादी की है. वहीं भाई-भतीजावाद की बात करें तो इससे पहले भी बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर खूब बहस हुई है. कंगना रनौत ने करण जौहर से साफ-साफ कह दिया था कि वो नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालों में से हैं. कंगना ने करण जौहर के चैट शो के दौरान ये बात कही थी.
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