तकनीक के इस दौर में आज प्यार और भावनाओं के मायने बदलते जा रहे हैं. लोगों के पास अपनों के लिए भले वक़्त ना हो पर सोशल साइट्स पर बिताने के लिए 24 घंटे भी काम पड़ जाते हैं. ऐसे में मदर्स डे, फादर्स डे जैसे दिनों के मायने अब मोबाइल और कंप्यूटर की स्क्रीन तक सिमट कर रह गए हैं. मां बच्चों के दो प्यारे बोल के लिए तरस कर रह जाती है और बच्चे अपना सारा प्यार सोशल साइट्स पर लुटा जाते हैं.from Latest News रिश्ते News18 हिंदी https://ift.tt/2rER078
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