Publish Date:Wed, 09 May 2018 01:12 PM (IST)
मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संवाद में हुई बैठक में कुल 16 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। मंत्रिमंडल ने नालंदा जिले के राजगीर में आयोजित होने वाले मलमास मेले को राजकीय मेला का दर्जा देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
आर्थिक कठिनाई से मुख्य परीक्षा में बैठने में होती है दिक्कत
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यसचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि एक वर्ष में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के तकरीबन 200 छात्र यूपीएससी और 1500 अभ्यर्थी बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करते हैं। धन के अभाव में यह छात्र मुख्य परीक्षा (मेंस) पास करने में कठिनाई महसूस करते हैं। इसीलिए सरकार ने उनकी आर्थिक मदद का फैसला किया है। यह मांग आधारित योजना होगी। आवेदन करने पर अजा-जजा विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
छात्रावास में रहने वाले छात्रों को मिलेगा 15 किलो अनाज
मुख्यसचिव ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अंतर्गत चलाए जा रहे छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को हर महीने 15 किलो अनाज दिया जाएगा। विद्यार्थियों को नौ किलो चावल और छह किलो गेहूं दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इसकी भी मंजूरी दी है।
अजा-जजा छात्रों को प्रतिमाह एक हजार हॉस्टल अनुदान
मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को प्रत्येक महीने 1000 रुपये छात्रावास अनुदान देने का फैसला भी किया है। प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों की संख्या 111 है। पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रावासों की संख्या 66 है। इनमें 12 हजार छात्र रहते हैं। इसके साथ ही महादलित विकास मिशन के तहत जो योजना राज्य में संचालित हैं, उन सभी योजनाओं को लाभ अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों को देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।
By Ravi Ranjan
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