सभी की ख्वाहिश जल्द से जल्द अमीर बनने की होती है और ऐसा मुश्किल भी नहीं है. भारत समेत दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने सही समय पर कदम उठाया और करोड़पति बन गए. अब सवाल उठता है ऐसा कैसे होगा. इसी सवाल का जवाब आज हम लाए हैं. आज हम बता रहे हैं कि कैसे कई लोगों ने सिर्फ 1000 रुपये के निवेश पर 40 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है और अभी भी आपके लिए यह अवसर है....
छोटी रकम के जरिए लाखों रुपये कमाने का मौका फिलहाल म्यूचुअल फंड्स में मिल रहा है. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 20 साल में कई ऐसी स्कीम्स आई हैं, जिनके जरिए लाखों रुपये की कमाई हुई है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, म्यूचुअल फंड में निवेश में अनुशासन बेहद अहम है. यह न सिर्फ आपके सब्र का इम्तिहान लेता है, बल्कि आपको अपने लक्ष्य की प्रतिबद्धता पर भी आंकता है. हालांकि, कई निवेशकों के मन में लंबी अवधि में निवेश के फायदे को लेकर सवाल चलते रहते हैं.
एक एनालिसिस के जरिए पता चला है कि करीब 30 इक्विटी स्कीम में से 15 फंड्स ने हर पांच साल में (मई 1998 से अप्रैल 2018 तक) निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है. इनमें एचडीएफसी इक्विटी, फ्रैंकलिन इंडिया, ब्लूचिप, डीएसपी ब्लैकरॉक इक्विटी, आईसीआईसीआई प्रू मल्टीकैप और रिलायंस ग्रोथ फंड शामिल हैं.
फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा फंड- यह स्कीम 30 नवंबर 1993 को शुरू हुई थी. यदि आपने इस स्कीम में 1 मई 1998 से 1,000 रुपये प्रतिमाह का निवेश शुरू किया होता, तो आज आप के खाते में 40,81,710 रुपये जमा हो जाते. इस स्कीम ने 26.38 फीसदी का रिटर्न दिया है.
टाटा इंडिया टैक्स सेविंग फंड- यह स्कीम 31 मार्च 1993 को शुरू हुई थी. 1 मई 1998 से इस फंड में 1,000 रुपये की सिप की वैल्यू 30 अप्रैल 2018 तक 22,20,080 रुपये हो गई होती. इस स्कीम का रिटर्न 21.66 फीसदी रहा है.
एचडीएफसी कैपिटल बिल्डर फंड-29 अप्रैल 1994 को शुरू हुई इस स्कीम ने 21.29 फीसदी का रिटर्न दिया है. यदि 1 मई 1998 को इस स्कीम में 1,000 रुपये की सिप शुरू की गई होती, तो आज निवेशक को 24,98,650 रुपये मिल सकते थे.
रिलायंस ग्रोथ फंड-इस स्कीम की शुरुआत 7 अक्टूबर 1995 को हुई थी. इस स्कीम ने 20.72 फीसदी का रिटर्न दिया है. इसी शानदार प्रदर्शन के बूते इस स्कीम में 1 मई 1998 से शुरू हुई सिप की वैल्यू 30 अप्रैल तक 38,30,140 रुपये हो गई होती.
ICICI प्रूडेंशियल मल्टीकैप फंड- यह स्कीम 3 सितंबर 1994 को बाजार में पेश की गई थी. इस स्कीम का रिटर्न 18.81 फीसदी रहा है. यदि इस स्कीम में 1 मई 1998 से 1,000 रुपये की सिप शुरू की गई होती, तो उसकी वैल्यू 30 अप्रैल तक 21,29,380 रुपये हो गई होती.
म्यूचुअल फंड्स में अब लोग तेजी से पैसा लगा रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कौन से फंड में निवेश करना फायदेमंद है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो तरीके हैं - SIP और एकमुश्त निवेश. SIP के लिए आपको बाजार में समय देने की जरूरत नहीं पड़ती है और वे बीते समय की एक अवधि के दौरान शेयर बाजार की अस्थिरता के कारण जोखिम का औसत निकालते हैं. लेकिन, एकमुश्त निवेश अर्थात म्यूचुअल फंड में एक बार में एक बड़ी रकम निवेश करते समय आपको कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. अगली स्लाइड में जानिए कौन से फंड्स में बनेगा पैसा...
सबसे पहले म्यूचुअल फंड को समझने की जरूरत है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि बड़ी तादाद में निवेशकों की जमा राशि म्यूचुअल फंड कहलाता है. इस पैसों को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर होता है. वह निवेशकों के पैसे कई जगहों पर निवेश करता है, जो रिटर्न और जोखिम के आधार पर तय होते हैं. म्यूचुअल फंड हाउस इक्विटी, बॉन्ड, मुद्रा बाजार के साधनों या अन्य सिक्यॉरिटीज में निवेश करते हैं, ताकि निवेशकों को कम-से-कम जोखिम में ज्यादा-से-ज्यादा रिटर्न हासिल हो सके. अगली स्लाइड में जानिए दस सबसे अच्छे फंड़स के बारे में...
आनंद राठी प्राइवेट वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज कहते हैं कि एचडीएफसी इक्विटी ग्रोथ, एबीएसएल फ्रंटलाइन इक्विटी, कोटक सिलेक्ट फोकस फंड, एसबीआई ब्लूचिप रेगुलर ग्रोथ, आईसीआईसीआई प्रु.फोकस्ड ब्लूचिप इक्विटी, आईसीआईसीआई प्रु. वैल्यू डिस्कवरी, एचडीएफसी टॉप 200, मोतीलाल ओसवाल मल्टीकैप 35, फ्रैंकलिन इंडिया प्राइमा प्लस, आईसीआईसीआई प्रु. डायनैमिक प्लान इन फंड्स ने अन्य फंड्स की तुलना में बेहतर परफॉर्मेंस किया है.
फिरोज अजीज का कहना है कि इन 10 शेयरों की निफ्टी (एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स) में हिस्सेदारी 54 फीसदी है. टॉप 10 लार्जकैप म्यूचुअल फंड की इन शेयरों में 33 फीसदी होल्डिंग है. बाकी निवेशक दूसरे शेयरों में पैसे लगाते हैं. उतार-चढ़ाव का असर कम करने के लिए निवेश डायवर्सिफाई करना होता है.
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