नई दिल्ली, प्रेट्र। चीन ने कैलास मानसरोवर की यात्रा के लिए नाथु ला दर्रा खोल दिया है। इस साल करीब 500 तीर्थयात्री इसी दर्रे से कैलास मानसरोवर की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। पिछले साल डोकलाम विवाद के बाद चीन ने सिक्कम स्थित दर्रे से कैलास मानसरोवर की यात्रा रोक दी थी। विवाद के दौरान दोनों देशों की सेना 73 दिनों तक डोकलाम में एक-दूसरे के सामने खड़ी थी।
स्वराज ने कहा, 'मैंने अपने समकक्ष को कहा कि जब तक नागरिकों के संबंध मधुर नहीं होंगे तब तक दोनों देश की सरकारों के बीच संबंध नहीं सुधरेंगे। नाथु ला दर्रा के बंद होने से लोगों में कड़वाहट भर गई थी। मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि अब इसे खोल दिया गया है।'
चार महीने तक चलने वाली यात्रा इस साल आठ जून से शुरू होगी। स्वराज ने मंगलवार को यात्रा पर जाने वालों का नाम भी कंप्यूटर ड्रॉ में निकाला। चुने गए लोगों को ईमेल और एसएमएस से इसकी जानकारी दी जाएगी। 60-60 यात्रियों वाला 18 जत्था उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाएगा। जबकि 50-50 लोगों का 10 जत्था नाथु ला के रास्ते अपनी यात्रा पूरी करेंगे। लिपुलेख से होकर जाने वाला मार्ग अधिक कठिन है इसलिए बुजुर्गो को नाथु ला के रास्ते भेजा जाता है।
नाथु ला से यात्रा में प्रति व्यक्ति करीब दो लाख रुपये का खर्च आता है। 21 दिनों तक चलने वाली यात्रा में श्रद्धालु गंगटोक, हांगु झील और तिब्बती पठारों के रास्ते मानसरोवर पहुंचते हैं। लिपुलेख के रास्ते यात्रा 24 दिनों में पूरी होती है और प्रति व्यक्ति करीब 1.6 लाख रुपये खर्च आता है। इस रास्ते यात्री ट्रेक करते हुए नारायणन आश्रम, पटल भुवनेश्वर के साथ ही ओम पर्वत की सुदंरता का आनंद लेते हुए मानसरोवर पहुंचे हैं। 
By Manish Negi