जिदंगी में सभी अपने शौक के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन अक्सर लोग अपने शौक को करियर में नहीं बदल पाने से परेशान होकर जिदंगी में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं कर पाते. पर क्या आप जानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के मौजूदा CEO सत्य नाडेला को क्रिकेट का जबर्दस्त जुनून था. तभी तो उन्होंने क्रिकेट से टीमवर्क सीखकर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में कैप्टन की पॉजिशन हासिल की. आइए जानते हैं कैसे क्रिकेट के जुनून ने उन्हें माइक्रोसॉफ्ट में बड़ी बुलंदी हासिल कराई.
नाडेला हैदराबाद में पले-बढ़े हैं और अन्य भारतीयों की तरह उन्हें भी क्रिकेट का शौक है. स्कूल में वे क्रिकेट टीम का हिस्सा होते थे और उनमें आज जो लीडरशिप क्वालिटी है, वह क्रिकेट टीम का हिस्सा होने का नतीजा ही है.
आपको बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट की कुल मार्केट वैल्यू करीब 73,018 करोड़ डॉलर है. इस लिहाज से भारतीय रुपए में इसकी कीमत करीब 48.96 लाख करोड़ रुपए बनती है.
Be passionate and bold. Always keep learning. You stop doing useful things if you don’t learn की सलाह छात्रों को देने वाले नाडेला ने माइक्रोसॉफ्ट में कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स संभाले. उन्होंने क्लाउड सर्विसेज का रेवेन्यू 16.6 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 20.3 बिलियन डॉलर किया. पहले वे रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के वाइस प्रेसिडेंट बने और फिर माइक्रोसॉफ्ट बिजनेस डिवीजन के हेड बन गए.
अब रोजाना कमाते हैं 33 लाख रुपए- नाडेला जब Microsoft के CEO नियुक्त किए गए थे, तब कंपनी ने उन्हें कुल सालाना वेतन 1 करोड़ 18 लाख डॉलर (करीब 112 करोड़ रुपए) देने की घोषणा की थी. लेकिन अब (अक्टूबर 2017) यह बढ़कर करीब 134 करोड़ रुपए सालाना हो गया है. इस लिहाज से उन्हें हर महीने 11 करोड़ रुपए और प्रतिदिन करीब 37 लाख रुपए मिलते हैं. उन्हें वेतन महीने में दो बार मिलता है. इसके अलावा उन्हें नकद बोनस भी दिया जाता है, जो शून्य से 300 प्रतिशत तक हो सकता है.
सत्य नाडेला का जन्म हैदराबाद में एक तेलुगु परिवार में हुआ था. उनका परिवार आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले का रहने वाला है. उनके पिता बीएन युगांधर आईएएस अधिकारी रहे और 2004-09 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले योजना आयोग के सदस्य भी रहे हैं. सत्य ने मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर की डिग्री ली. इसके बाद वे MS करने के लिए अमेरिका चले गए. वहां यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉनसिन से उन्होंने ये डिग्री ली. उन्होंने शिकागो से MBA भी किया. कुछ दिन सन माइक्रोसिस्टम्स में काम करने के बाद 1992 में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन की थी.
इंडस्ट्री में क्लाउड गुरु के नाम से हैं प्रसिद्ध- नाडेला को इंडस्ट्री में क्लाउड गुरु के नाम से भी जाना जाता है. क्लाउड एंड इंटरप्राइज ग्रुप के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष नाडेला दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड बुनियादी ढांचे में से एक के विकास की अगुवाई कर रहे हैं. पिछले 22 साल से वे माइक्रोसॉफ्ट के लिए काम कर रहे हैं.
नाडेला 1992 में विवाह के बंधन में बंधे. उनकी शादी उनके पिता के बैचमेट केआर वेनुगोपाल की बेटी अनुपमा से हुई है. इनके तीन बच्चे हैं.
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