बॉलीवुड के बेहद लोकप्रिय प्लेबैक सिंगर किशोर कुमार ने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई की थी. 4 अगस्त 1929 को उनका जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गांगुली परिवार में हुआ था. उनका नाम आभास कुमार गांगुली रखा गया, लेकिन उन्होंने किशोर कुमार के नाम से प्रसिद्धि पाई. (image credit: Stills from Youtube video)
किशोर कुमार बचपन से ही मनमौजी थे. इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उनकी आदत थी कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाना और दोस्तों को भी खिलाना. (image credit: News18.com)
किशोर कुमार पर जब कैंटीन वाले के पांच रुपए बारह आना उधार हो गए और कैंटीन मालिक उन्हें उधारी चुकाने को कहता तो वो कैंटीन में बैठकर टेबल पर गिलास और चम्मच बजा-बजाकर पांच रुपया बारह आना को धुन के साथ गाते और कैंटीन वाले की बात अनसुनी कर देते थे. (image credit: Stills from Youtube video)
कई सालों बाद उन्होंने अपने एक बहुचर्चित फिल्म 'चलती का नाम गाड़ी' में इस गीत का खूबसूरती से इस्तेमाल किया, जो काफी हिट हुआ. (image credit: Stills from Youtube video)
किशोर दा के सहपाठी डॉ. मधुसूदन होलकर बताते हैं कि कॉलेज में कैंटीन चलाने वाले काका से किशोर कुमार उधारी में पोहे-जलेबी लेते थे. (image credit: News18.com)
उधारी के पैसे मांगने के लिए काका हमेशा कहते थे, भैय्या मेरा पांच रुपया बारह आना तो दे दे... मारेगा काका, मारेगा भैया. काका के बोलने के अंदाज को ही किशोर कुमार ने गीत में ढाल दिया था. (image credit: Stills from Youtube video
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