क्या आप जानते हैं, नाखून कुतरने की बीमारी अपने साथ कई और बीमारियां भी लाती है.
आप घबरा जाते हैं तो नाखून कुतरते हैं, नाखून चबाना आपकी आदत है, नाखून कुतरना आपकी जरूरत है. कभी-कभी जब आप अपने कुतरे हुए नाखून देख शर्मिंदा होते हैं तो घबराहट में फिर से नाखून कुतरने लगते हैं. अगर आप भी इनमें से हैं तो सावधान हो जाएं. ये ऑनिकोफेजिया नामक मर्ज है. इससे आपको उस वक्त तो अच्छा लगता है लेकिन इससे कई बीमारियां चली आती हैं. हम आपको बता रहे हैं ऐसे ही कुछ इंफेक्शन के बारे में जिसकी वजह आपकी नाखून चबाना हो सकता है.
नेल बाइटिंग से नाखून के चारों ओर इन्फेक्शन फैल सकता है क्योंकि जब आप नाखून चबाते हैं तो कई तरह के जर्म्स कटे-फटे नाखूनों के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. इससे नाखूनों के आसपास सूजन, लालिमा और पस हो सकता है.
नेल बाइटिंग के कारण दांतों पर भी खराब असर पड़ता है. दांत अपनी सही जगह से हटने लगते हैं, ऊबड़-खाबड़ हो जाते हैं, इससे डाइट भी घट जाती है और कुल मिलाकर पूरी लाइफस्टाइल प्रभावित हो जाती है.
पेट से जुड़ी किसी भी बीमारी के वक्त अगर हमारे नाखून बढ़े हुए हैं तो डॉक्टर उन्हें काटने की सलाह देते हैं क्योंकि नाखूनों को साफ रखना बहुत कठिन है. यही बात कटे-फटे नाखूनों पर भी लागू होती है. इनके जरिए मुंह से होकर जर्म्स शरीर के भीतर चले जाते हैं और कई तरह की बीमारियां दे सकते हैं.
नेल बाइटिंग के मरीजों में वार्ट्स की परेशानी आम है. ये पहले तो अंगुलियों पर दिखाई देते हैं लेकिन धीरे-धीरे होंठों और मुंह के भीतर-बाहर भी फैल जाते हैं.
सबसे पहले तो आप नेल बाइटिंग के ट्रिगर्स को पहचानें, जैसे आप नाखून कब, किन परिस्थितियों में काटते हैं. अगर खाली बैठे हुए आपको नेल बाइटिंग की आदत है तो ऐसे वक्त में नाखूनों पर कपड़ों बांधकर रखें ताकि खुद को कंट्रोल कर सकें. जब घर पर हों तो अंगुलियों पर कुछ कड़वा या कसैला सा डाल लें जैसे चिली सॉस या सिरका, ऐसे में गंध से ही आप नाखून चबाने से ठिठक जाएंगे. नाखून हमेशा छोटे रखें ताकि काट न पाएं.
नेल बाइटिंग से नाखून के चारों ओर इन्फेक्शन फैल सकता है क्योंकि जब आप नाखून चबाते हैं तो कई तरह के जर्म्स कटे-फटे नाखूनों के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाते हैं. इससे नाखूनों के आसपास सूजन, लालिमा और पस हो सकता है.
नेल बाइटिंग के कारण दांतों पर भी खराब असर पड़ता है. दांत अपनी सही जगह से हटने लगते हैं, ऊबड़-खाबड़ हो जाते हैं, इससे डाइट भी घट जाती है और कुल मिलाकर पूरी लाइफस्टाइल प्रभावित हो जाती है.
पेट से जुड़ी किसी भी बीमारी के वक्त अगर हमारे नाखून बढ़े हुए हैं तो डॉक्टर उन्हें काटने की सलाह देते हैं क्योंकि नाखूनों को साफ रखना बहुत कठिन है. यही बात कटे-फटे नाखूनों पर भी लागू होती है. इनके जरिए मुंह से होकर जर्म्स शरीर के भीतर चले जाते हैं और कई तरह की बीमारियां दे सकते हैं.
नेल बाइटिंग के मरीजों में वार्ट्स की परेशानी आम है. ये पहले तो अंगुलियों पर दिखाई देते हैं लेकिन धीरे-धीरे होंठों और मुंह के भीतर-बाहर भी फैल जाते हैं.
सबसे पहले तो आप नेल बाइटिंग के ट्रिगर्स को पहचानें, जैसे आप नाखून कब, किन परिस्थितियों में काटते हैं. अगर खाली बैठे हुए आपको नेल बाइटिंग की आदत है तो ऐसे वक्त में नाखूनों पर कपड़ों बांधकर रखें ताकि खुद को कंट्रोल कर सकें. जब घर पर हों तो अंगुलियों पर कुछ कड़वा या कसैला सा डाल लें जैसे चिली सॉस या सिरका, ऐसे में गंध से ही आप नाखून चबाने से ठिठक जाएंगे. नाखून हमेशा छोटे रखें ताकि काट न पाएं.
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